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पथ प्रदर्शक

चित्र
                      पथ प्रदर्शक                            1-दिल की आवाज जीवन मे सबसे बड़ा अगर कोई पथ प्रदर्शक है तो वह है अपने दिल की आवाज जिसे हम अक्सर अनसुना करते हैं ।       प्लीज अपने दिल की सुनो        किसी ने क्या खूब कहा है-               मन के हारे हार है , मन के जीते जीत ।                                                                  2-हमारे बुजुर्ग  -    हमारा दूसरा पथ प्रदर्शक है हमारा बुजुर्ग ,कहने को तो हम बिना अनुभव और ज्ञान के जन्म लेते हैं लेकिन जैसे ही हमारी बुद्धि परिपक्व होती है ,हमे बहुत कम उम्र में ही हजारो वर्ष का अनुभव और ज्ञान हमारे बुजुर्गो द्वारा प्राप्त हो जाता है वे केवल अपनी जिंदगी का तजुर्बा ही नही अपितु अपने से पूर्व के पीढ़ी से प्राप्त अनुभव को भी हमे बिना किसी शर्त प्रदान कर देता है  बशर्ते कि हमारी तार्किक शक्ति और बुद्धि सशक्त होनी चाहिए ।    अतः  हमें बुजुर्गो के साथ जब भी समय बिताने का अवसर मिले हमे चूकना नही चाहिए ।                                                    3-पुस्तकें  -   जैसा कि आप जानते हैं की पुस्तक एक अच

मानव और मानस

一जय श्री राम मनुष्य और रामचरित मानस के मध्य एक अनूठा सम्बन्ध हैं अगर मनुष्य अपने जीवन के दिनचर्या को मानस के अनुसार ढालने का प्रयास करे और उनका अनुशरण करने की कोशिश करे तो एक बहुत बड़ा परिवर्तन या यूं कहें कि हमारे सनातन संस्कारो की रक्षा हो सकता हैं जिसकी आज हमें नितान्त आवश्यकता है क्योंकि रामचरित मानस में समस्त लौकिक सम्बन्धो को दर्शाया गया हैं,चाहे वह पिता -पुत्र हो,माता-पुत्र हो,पति -पत्नी हो,देवर-भाभी हो,सास- बहू हो ,भाई-भाई हो राजा -प्रजा हो ,पिता-पुत्री हो ,समधी-समधी हो,ससुर-दामाद हो तथा भक्त और भगवान हो सभी रिश्तो में पवित्रता झलकती है  इन सबका अद्भुत चित्रण एवम समावेश देखने को मिलता है ।       अतः हम इसी संदर्भ में विचार करेंगे.. मै लोगो को सकारात्मक रूप से देखता हूं मेरा मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति में अच्छाई और बुराई दोनों रहता हैं क्योंकि मनुष्य,मनुष्य हैं पूर्ण रूप से भगवान नही ।मै लोगों के अंदर के अच्छाई को ढूंढ़ता हु और मुझे मिल भी जाता हैं ।मनुष्य भी ईश्वर का अंश है -   ईश्वर अंश जीव अविनासी,                  चेतन अमल सहज सुखरासी। गड़बड़ियां तो देवता लोग भ